नई दिल्ली 01 फरवरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को Union Budget 2021 पेश किया।अपने बजट भाषण के दौरान कई ऐलान किए. इस दौरान कुछ सेक्टरों में ड्यूटी बढ़ाने की बात कही. मसलन 1 अक्टूबर 2021 से कस्टम ड्यूटी का नया स्ट्रक्चर आएगा. इससे इम्पोर्ट होने वाला सामान की कीमत पर असर पड़ेगा. साथ ही कुछ मोबाइल पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी 2.5% तक बढ़ाने की बात है. इससे मोबाइल की कीमतों पर असर पड़ सकता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गोल्ड, सिल्वर पर इंपोर्ट ड्यूटी रेशनलाइज करेंगे. चुनिंदा ऑटो पार्ट्स पर 15% कस्टम ड्यूटी लगेगी. इससे Auto सेक्टर की लागत बढ़ सकती है. हालांकि यह ऑटो कंपनियों पर निर्भर करेगा कि वह इसका भार ग्राहकों पर डालेंगी या रेशनलाइज करेंगी. फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा कि कॉटन पर 10% कस्टम ड्यूटी लगेगी. इससे कॉटन प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं. साथ ही सिल्क पर 15% कस्टम ड्यूटी लगेगी. सिल्क की साड़ी और दूसरे परिधान की कीमतें बढ़ सकती हैं. साथ ही एग्री इंफ्रा डेवलपमेंट सेस लगाने का प्रस्ताव भी है.
क्या हुआ महंगा
पॉलिशड स्टोन
मोबाइल पार्ट
मोबाइल चार्जर
AC/Fridge
वायर, केबल
LED बल्ब
सोलर इन्वर्टर
सोलर लार्टेन
कैपिटल गुड्स एंड मशीनरी
ऑटो पॉर्ट्स
मेटल
कॉटन
रॉ सिल्क
फिश फीड
मेज ब्रेन
कार्बन ब्लैक
प्लास्टिक प्रोडक्ट
लेदर प्रोडक्ट
वित्त मंत्री ने बजट का सबसे खास ऐलान यह किया कि 75 साल से ऊपर के लोगों को टैक्स रिटर्न भरने से छूट दी गई है. नेशनल रिसर्च फाउंडेशन पर अगले 5 साल में ₹50,000 करोड़ खर्च होंगे. डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए ₹1500 करोड़ आवंटित किए गए हैं. ट्राइब्यूनल्स के कामकाज को सुधारने की बात कही है. FM ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट विवाद जल्द सुलझाने के लिए सुधार करेंगें।
क्या हुआ सस्ता
बजट भाषण में सोने और चांदी पर आयात शुल्क (import tax) में भारी कटौती की घोषणा की। फिलहाल सोने और चांदी पर 12.5 फीसदी आयात शुल्क चुकाना पड़ता है जिसमें 5 फीसदी कटौती की गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई 2019 में सोने पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी किया गया था। इसके चलते सोने के दाम काफी बढ़े हैं। इसे देखते हुए सरकार सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को तर्कसंगत बनाएगी। इस घोषणा के बाद सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट आएगी। भारत बड़े पैमाने पर सोने का आयात करता है। चीन के बाद भारत सोने का सबसे बड़ा खरीदार है। वित्त मंत्री के इस फैसले से सोने की तस्करी पर भी अंकुश लगेगा। हाल में सोने की तस्करी में तेजी आई है।
ये हुआ सस्ता
सोना-चांदी
प्लेटिनम
सोने-चांदी के सिक्के
पशुओं का चारा
पेट्रो उत्पाद
कपड़ा उद्योग
लोहे का कबाड़
नॉन अलॉय स्टील
हवाई जहाज के पार्ट
वित्त मंत्री ने सोमवार को कहा कि सरकार सोना और चांदी पर सीमा शुल्क को तार्किक बना रही है. उन्होंने लोकसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि वाहनों के कल-पुर्जे, सौर ऊर्जा क्षेत्र के उपकरणों, सूती तथा कच्चे रेशम पर सीमा शुल्क को बढ़ाया गया है. इनके अलावा नेफ्था पर सीमा शुल्क को घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है. स्टील के कबाड़ (स्टील स्क्रैप) को मार्च 2022 तक सीमा शुल्क से छूट दी गई है. वित्त मंत्री ने कुछ उत्पादों पर बुनियादी संरचना विकास उपकर लगाने का भी प्रस्ताव किया.
वित्त मंत्री ने पुराने और प्रदूषण फैला रहे वाहनों को हटाने के लिये बहुप्रतीक्षित स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति (Scrapping Policy) की घोषणा की. सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि निजी वाहनों को 20 साल होने पर और वाणिज्यिक वाहनों को 15 साल होने पर फिटनेस जांच करानी होगी. उन्होंने कहा कि यह नीति देश की आयात लागत को कम करने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल तथा ईंधन की कम खपत करने वाले वाहनों को बढ़ावा देगी.
स्टील स्क्रैप पर शुल्क जारी रहेगा
विशेषज्ञों के अनुसार, सोने पर उच्च सीमा शुल्क से सरकार को सोने के आयात को कम करने में मदद मिलती है, जो अच्छा है क्योंकि यह व्यापार घाटे को नियंत्रण में रखता है। दूसरी ओर, वित्त मंत्री ने कहा कि मार्च 2022 तक स्टील स्क्रैप पर शुल्क जारी रहेगा और नेफ्था पर सीमा शुल्क को 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इस्पात के कबाड़ (स्टील स्क्रैप) को मार्च 2022 तक सीमा शुल्क से छूट दी गयी है. वित्त मंत्री ने कुछ उत्पादों पर बुनियादी संरचना विकास उपकर लगाने का भी प्रस्ताव किया।
इस वित्त वर्ष के दौरान आम लोगों और सरकार को जिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा, वैसी स्थिति पहले भी कभी आई हो, ऐसा उल्लेख नहीं मिलता है। जाहिर है कि ऐसी परिस्थिति में देश के वित्त मंत्री के समक्ष भी चुनौतियां बढ़ गई हैं। अब, जबकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2021 के बजट को बनाना शुरू कर दिया है, तो सबके मन में एक सवाल जरूर उठ रहा होगा कि बज़ 2021 में उनके लिए क्या होगा। वैसे भी, निर्मला सीतारण ने वादा किया है कि इस बार वह ऐतिहासिक बजट बनाने जा रही हैं। हम भी उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार वित्त मंत्री की झोली में चुनिंदा लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ सौगात जरूर होगी। वैसे भी कोरोना ने मध्यम वर्ग एवं निम्न मध्यम वर्ग को कुछ ज्यादा ही परेशान किया है। इसलिए वही, इस बजट से सबसे ज्यादा अपेक्षा रख रहे हैं। आम आदमी चाहते हैं बेहतर अस्पताल, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा तो भविष्य पर नजरें टिकाए लोग सोचते हैं बेहतर शिक्षा व्यवस्था। वेतनभोगियों की निगाह जहां इनकम टैक्स के स्लैब पर अटकी है। वह इनकम टैक्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत आयकर में अधिक से अधिक छूट की बाट जोह रहे हैं। अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से पटरी पर लौटा रहा उद्योग जगत कुछ इसी तरह के बजट की आशा कर रहा है। ऐसा बजट, जिससे उनका कारोबार चलाना सुगम हो और वह समाज के लिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित कर सके।
आखिर कब तक मोदी लहर के सहारे चलोगे मेरी सरकार .. मिशन 2022
देखिये ये रिपोर्ट
#बजट_2021