सचिव चिकित्सा श्री नितेश कुमार झा ने बताया कि देश में पहली तरह की यह परियोजना लागू की जा रही है। चिकित्सा के क्षेत्र में यह गेम चेंजर साबित होगा। अल्मोड़ा हॉस्पिटल को ई हॉस्पिटल बनाने के बाद अब सभी अस्पतालों को ऑनलाइन किया जा रहा है। जल्द ही सरकारी अस्पतालों में ई पर्ची की व्यवस्था लागू की जाएगी। पूरे प्रदेश का ई हेल्थ रिकॉर्ड बनाने के लिए सर्वे किया किया जा रहा है। उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के बारे में सचिव चिकित्सा ने बताया कि व्यवस्था में सुधार के लिए क्लस्टर मोड में कार्य शुरू किया गया है। पहले क्लस्टर के रूप में टिहरी जनपद का चयन किया गया है। परियोजना के तहत निजी क्षेत्र के सहयोग से नई पहल को लागू किया जाएगा। इसमें हेल्थ केयर की एकीकृत सेवाएं और हेल्थ केयर वित्त पोषण में नई पहल शामिल है। इसके साथ ही चिकित्सा व्यवस्था में सुधार के लिए भी महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र का सहयोग परफॉरमेंस के आधार पर लिया जाएगा। अस्पतालों में मरीजों की संख्या देखी जाएगी। नेशनल एक्रीडिशन बोर्ड फ़ॉर हॉस्पिटल के मानकों के अनुरूप मूल्यांकन किया जाएगा। मरीजों की संतुष्टि भी परखी जाएगी।आपदा की स्थिति में अस्पताल की तैयारी देखी जाएगी। परियोजना को आयुष्मान भारत से भी जोड़ा जाएगा।बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर सचिव रंजीत सिन्हा, परियोजना निदेशक श्री युगल किशोर पंत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
देहरादून, राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में भी गुणवत्तायुक्त चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। इसके लिये राज्य सरकार ने खाका तैयार कर लिया है। उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के जरिए यह कार्य किया जाएगा। विश्व बैंक की इस परियोजना के लिए 120 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में प्रोजेक्ट गवर्निंग बॉडी की बैठक हुई।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि ऐसी कारगर व्यवस्था की जाय कि मरीजों को इलाज के लिए दूर न जाना पड़े। खासतौर पर सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में जिला अस्पतालों में जांच और इलाज की सभी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाय। परियोजना के लगातार मॉनिटरिंग और मूल्यांकन की भी ज़रूरत है।