देहरादून,उत्तराखंड विधानसभा से गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिए जाने संबंधी संकल्प सर्वसम्मति से पारित किए जाने का भारतीय गौक्रांति मंच ने स्वागत करते हुए इसके लिए सरकार और विपक्ष का आभार व्यक्त किया। संत गोपालमणि महाराज ने कहा कि गौमाता को राष्ट्रमाता बनाने का शंखनाद देवभूमि उत्तराखंड से हुआ है। अब वह दिन दूर नहीं जब देश में केंद्र की सरकार द्वारा गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान देकर भारत का सनातन स्वरूप सबके समक्ष होगा। 

देहरादून में हरिद्वार बाइपास स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में संत गोपालमणि जी महाराज ने कहा कि उत्तराखंड सरकार और विधानसभा ने इस पावन कार्य को गति देकर देवभूमि की संस्कृति को परिभाषित किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सभी सनातन प्रेमियों की जनभावनाओं और आस्था का सम्मान करते हुए 2019 से पहले लोकसभा और राज्यसभा का संयुक्त अधिवेशन सत्र बुलाकर खुले मन से उत्तराखंड विधानसभा के तर्ज पर पक्ष-विपक्ष मिलकर गौमाता को राष्ट्रमाता का संवैधानिक पद दें। नहीं तो सभी राज्यों की विधानसभा से उत्तराखंड विधानसभा की तर्ज पर इस संबंध में प्रस्ताव पारित करवाने का कार्य करेंगे। उन्होंने उत्तराखंड सरकार से मंच की शेष मांगों पर भी अमल करने का अनुरोध किया।
   इस मौके पर आचार्य विपिन जोशी, मनोहर लाल जुयाल, प्रीतम भरतवाण, सुनील उनियाल गामा और भारतीय गौक्रांति मंच के पदाधिकारी उपस्थित रहे।