नई दिल्‍ली. साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता, हिंदी भाषा के प्रख्यात लेखक और कवि मंगलेश डबराल (Manglesh Dabral) का बुधवार को कार्डियक अरेस्ट की वजह से निधन हो गया है. उनकी हालत पिछले कुछ दिनों से नाजुक बनी हुई थी. गाजियाबाद के वसुंधरा के एक निजी अस्‍पताल में उनका इलाज चल रहा था. बाद में हालत बिगड़ने पर उन्‍हें एम्स में भर्ती कराया गया था. एम्स में उन्होंने आखिरी सांस ली. मंगलेश डबराल समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित नाम हैं. मंगलेश डबराल मूलरूप से उत्‍तराखंड के निवासी थे. उनका जन्‍म 14 मई 1949 को टिहरी गढ़वाल, के काफलपानी गांव में हुआ था. उनकी शिक्षा-दीक्षा देहरादून में ही हुई थी.

दिल्‍ली में कई जगह काम करने के बाद मंगलेश डबराल ने मध्‍यप्रदेश का रूख किया. भोपाल में वह मध्यप्रदेश कला परिषद्, भारत भवन से प्रकाशित होने वाले साहित्यिक त्रैमासिक पूर्वाग्रह में सहायक संपादक रहे. उन्‍होंने लखनऊ और इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाले अमृत प्रभात में भी कुछ दिन नौकरी की. वर्ष 1963 में उन्‍होंने जनसत्ता में साहित्य संपादक का पद संभाला. उसके बाद कुछ समय तक वह सहारा समय में संपादन कार्य में लगे रहे. आजकल वह नेशनल बुक ट्रस्‍ट से जुड़े हुए थे. मंगलेश डबराल के पांच काव्य संग्रह (पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते हैं, आवाज भी एक जगह है और नये युग में शत्रु) प्रकाशित हुए हैं.