नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनकारी किसान दिल्ली कूच के लिए राजधानी के बॉर्डरों पर डेरा जमाए बैठे हुए हैं। एक तरफ जहां दिल्ली के सिंघु और टिकरी सीमा पर हरियाणा और पंजाब के किसान डटे हुए हैं तो वहीं, यूपी सीमा पर भी भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान हजारों की संख्या में डेरा डाल रखा है। अमित शाह की अपील और पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम में किसानों को नए कृषि कानूनों के फायदे बताए के बावजूद किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। सिंघु बॉर्डर पर किसान आगे की रणनीति को लेकर चर्चा कर रहे हैं तो वहीं, यूपी गेट पर किसान उग्र हो गए। यहां पर किसानों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर प्रदर्शन किया। उधर गृहमंत्री द्वारा शर्त के साथ मीटिंग के प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया। उधर किसानों के आंदोलन को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील भी उनके समर्थन में उतर आए हैं।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार वॉटर कैनन से किसानों को रोकने की कोशिश न करती तो ये बॉर्डर सील नहीं होते। सरकार को किसानों के लिए पहले ही जगह निर्धारित कर देनी चाहिए थी। हरियाणा सरकार ने सड़कें खुदवाकर किसान के अहम को चोट पहुंचाने का काम किया है।
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