आसमान से गिद्ध गायब हो रहे हैं
अखबार कहता है–
‘डाइक्लोफेनैक’ का असर है शायद
अखबार पूरा सच नहीं बताते
आसमान से गिद्ध गायब हुए हैं
पर जमीन पर उतर आए हैं वे
इन्सानों के बीच
गिद्ध अब हर जगह हैं
गिद्ध हर तरह के हैं
गाँवों के गिद्ध
शहरों के गिद्ध
घरों के गिद्ध
चौराहों के गिद्ध
हिंदू मुसलमाँ
हरा केसरिया
कुछ मजहबी गिद्ध हैं
कुछहैं सेकुलर गिद्ध
ख़ुदा के घर से लेकर
संसद के दर तक
गिद्धों का बसेरा है
गिद्धों का हुजूम है,
गिद्धों का डेरा है
प्रकृति का नियम है
संतुलन बना रहता है
आसमान से गिद्ध गायब नहीं हुए हैं
बस जमीन पर उतर आए हैं !
-नीरज द्विवेदी