देहरादून: उत्तराखंड में राजनीतिक शुचिता का अभियान हाईकोर्ट के दखल के बाद आखिरकार शुरू हो गया है। प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियों समेत अन्य नेताओं के खिलाफ लंबे समय से लंबित मामलों की समयबद्ध सुनवाई शुरु हो गई है। प्रदेश के 70 में विधायकों 24 में के ख़िलाफ मामले दर्ज हैं, जिनकी सुनवाई लटकी हुई थी। नैनीताल हाईकोर्ट ने 8 अक्टूबर को सभी जिला कोर्ट को आदेश जारी किया कि विधायकों के मामलों की सुनवाई 3 महीने में पूरी की जाए। इसके बाद सभी विधायकों पर चल रहे मामलों पर सुनवाई शुरू भी हो गई है। हाईकोर्ट के वकील रजत दुआ का कहना है कि हाईकोर्ट ने जिस तरह का आदेश निकाला है उसके अनुसार 8 जनवरी तक सभी विधायकों पर लगे आरोपों की सुनवाई होनी तय है। विधायकों के खिलाफ केस तेजी से निपटें इसलिए कोर्ट ने आदेश दिया है कि जिला कोर्ट हफ्ते में कम से कम 2 दिन केस की सुनवाई करें।
बीजेपी के सबसे ज्यादा विधायकों पर केस दर्ज हैं, हालांकि यह भी सच है कि बीजेपी के विधायक सदन में सबसे ज्यादा हैं। हालांकि अनुपातिक रूप से भी बीजेपी के विधायकों पर केस ज्यादा दर्ज हैं। बीजेपी के 57 में से 19 विधायकों पर केस दर्ज हैं यानी एक तिहाई विधायकों पर. कांग्रेस के 11 में से 4 विधायकों पर केस दर्ज हैं, जो करीब कुल विधायक संख्या का 2.75 बनते हैं। इनके अलावा एक निर्दलीय विधायक पर भी आपराधिक मामले दर्ज हैं।