देहरादून, अखिल भारतीय समानता मंच ने सर्वोच्च कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। मंच ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय को सम्मानजनक दृष्टि से देखते हैं किसी भी व्यक्ति की सीधी गिरफ्तारी सिवाय एससी, एसटी वर्ग जो कि मात्र शिकायत पुलिस रिपोर्ट हो जाने से कानून से बाध्य थी इसे अस्वीकार कर दिया गया है।
शनिवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान अखिल भारतीय समानता मंच के अध्यक्ष वीवीएस रावत ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद सर्वोच्च कोर्ट ने ये ऐतिहासिक निर्णय लिया। कोर्ट ने कहा है कि गिरफतारी का आधार सिर्फ पुलिस में शिकायत नहीं होनी चाहिए। पूरे देश में सभी धर्म, जाति, समाज, के सभ्रांत परिवार इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं। किंन्तु बड़ा अफसोस है कि वोट की राजनीति के तहत न सिर्फ बीजेपी सरकार ही नहीं अपितु विरोधी पार्टी के लोग भी सीधी गिरफ़्तारी वाले कानून का सहयोग कर रहे हैं, यह अन्याय है।
उन्होंने कहा कि 26 सितंबर को उच्च न्यायालय द्वारा एक और ऐतिहासिक फैसला दिया गया जिसमें भारत सरकार के प्रत्येक सुझाव को सिरे से नकार दिया गया। जो कि 7 न्यायधीशों की बड़ी बैंच द्वारा दिया गया। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि विभिन्न स्तरों पर पदोन्नति में आरक्षण नहीं दिया जा सकता बल्कि एससी एसटी वर्ग में क्रीमीलेयर का भी संज्ञान लेना होगा। पत्रकार वार्ता में उ.राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान समेत संगठन के कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि 26 सितंबर को उच्च न्यायालय द्वारा एक और ऐतिहासिक फैसला दिया गया जिसमें भारत सरकार के प्रत्येक सुझाव को सिरे से नकार दिया गया। जो कि 7 न्यायधीशों की बड़ी बैंच द्वारा दिया गया। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि विभिन्न स्तरों पर पदोन्नति में आरक्षण नहीं दिया जा सकता बल्कि एससी एसटी वर्ग में क्रीमीलेयर का भी संज्ञान लेना होगा। पत्रकार वार्ता में उ.राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान समेत संगठन के कई पदाधिकारी मौजूद रहे।