महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में आउटसोर्सिंग एजेंसी के चयन में कथित गड़बड़ी का मामला अब पुलिस तक पहुंच गया है। विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने विभाग के निदेशक वी षणमुगम की तलाश में पुलिस को एक तहरीर दी है। प्रदेश में नौकरशाही के रवैये को लेकर मंत्री विधायक कई बार नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। डीआईजी को भेजी तहरीर में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने मंगलवार शाम को डीआईजी देहरादून को भेजी तहरीर में जिक्र किया है कि अपर सचिव वी षणमुगम जो कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में निदेशक पद पर कार्यरत हैं वह 20 सितंबर से अपना फोन बंद कर गायब है। मंत्री ने बताया कि जब उनके निजी सचिव ने निदेशक के निजी सचिव से संपर्क किया तो उनके बारे में कोई पता नहीं चल पाया है । तभी मंत्री आर्य ने आशंका जताई है कि या तो किसी ने निदेशक का अपहरण कर लिया है या फिर वह स्वतः ही कहीं भूमिगत हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि वर्तमान में विभाग में मानव संसाधन आपूर्ति के लिए निविदा प्रक्रिया चल रही थी। इस में अनियमितता एवं धांधली होने पर निदेशक अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। तहरीर में मंत्री ने निदेशक की खोज कर उन्हें सकुशल वापस लाने की कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। गौरतलब है कि विभाग में मानव संसाधन आपूर्ति के लिए आउटसोर्स एजेंसी के चयन को प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश की चयनित फर्म को जारी कार्यदेश देने से बिफरी मंत्री ने कारण स्पष्ट करने के आदेश निदेशक को दिए थे। मंत्री की तहरीर पर डीआईजी ने एसपी क्राइम लोकजीत सिंह को जांच सौंपी है। एसपी क्राइम ने बताया कि निर्देशक अपने सरकारी आवास पर सेल्फ क्वारन्टीन है।