देहरादून, नागरिकों को सशक्त बनाने और अपनी चिंता अभिव्यक्त करने के लिये एक मंच उपलब्ध कराने के प्रयास में, सुभाष चंद्रा (एसएसीएच) फाउंडेशन की अपने तरह की पहली डिजिटल पहल लेकर आये हैं, देश का सच’। नागरिकों को प्रमुख मुद्दों और उन कारणों को जोकि मायने रखते हैं, उसके लिये एक सामाजिक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से श्री सुभाष चंद्रा ने इसकी अवधारणा तैयार की है। ऐसे नागरिक जो सामाजिक मुद्दांे के बारे में काफी सोचते हैं और सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं वह याचिका दायर कर सकते हैं या फिर किसी और को याचिका दायर करने मंे मदद कर सकते हैं। खुद सुभाष चंद्रा उन याचिकाओं को देखेंगे, जिसे 10,000 से अधिक लोगों का सपोर्ट मिला होगा और उन्हें सुलझाने के लिये उन पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करेंगे। इस मंच के विषय में अपनी बात रखते हुए, सुभाष चंद्रा ने अपने सामाजिक अंग, सच फाउंडेशन को प्रस्तुत करते हुए कहा, ‘‘इतने सालों में मैंने छोटे और बड़े परदे पर उन सामाजिक मुद्दों को सामने लाने की ताकत हासिल की, जोकि हमारे समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस महान देश का नागरिक होने के नाते, मेरा पक्का विश्वास है कि यह हर भारतीय नागरिक की जिम्मेदारी होती है कि वह इस देश का पोषण करें और इसे आगे बढ़ने में मदद करें। ‘देश का सच’ हर व्यक्ति को अपनी आवाज उठाने और उनके लिये महत्वपूर्ण मुद्दों को सामने लाने के लिये एक मंच प्रदान करने की छोटी-सी शुरुआत है। यह लोगों को पास लाने और उन्हें इस तरह सक्षम बनाने का प्रयास है कि वह एक-दूसरे की मदद कर सकें। मैं यह उम्मीद करता हूं कि वे नागरिक इस माध्यम का लाभ ले पायेंगे और बदलाव के मार्ग पर कदम रख सकेंगे, क्योंकि यह देश हमारा है और इसलिये उसकी जिम्मेदारियां भी हमारी हैं।’’ जाने-माने हिन्दू भजनों में से एक ‘वैष्णव जन तो’ से शक्ति ग्रहण करते हुए, इसके सार को ‘देश का सच’ में बड़ी ही खूबसूरती से पिरोया गया है। इस पहल को चर्चित संगीतकार अमित त्रिवेदी और जानी-मानी गायिका जोनिता गांधी के मधुर रिक्रिएशन के द्वारा लाॅन्च किया जायेगा। इस भजन को 15वीं शताब्दी से पहले संत कवि नर्सी मेहता ने लिखा था, 21वीं सदी में भी यह भजन उतना ही प्रासंगिक है। यह समानता, एक-दूसरे का सम्मान और दुख से घिरे लोगों की मदद करने की बात करता है।