देहरादून, देहरादून में 7 व 8 अक्टूबर को आयोजित होने वाले डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। उत्तराखण्ड निवेशक सम्मेलन के लिए पूर्व में राज्य के उद्यमियों से संवाद एवं उनके सुझाव प्राप्त करने के लिये माह जुलाई व अगस्त में राज्य के अन्तर्गत हरिद्वार, टिहरी, भीमताल (नैनीताल) तथा उधमसिंह नगर में आयुष, हर्बल, फार्मा एवं सगंध पौध, पर्यटन, वैलनेस, फिल्म शूटिंग एवं पर्यटन, आॅटोमोबाइल तथा खाद्य प्रसंस्करण आदि विषयों पर केन्द्रित 04 सैक्टोरल बेस्ड मिनी काॅन्क्लेव का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है। निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिये देश के प्रमुख शहरों, बंगलौर, हैदराबाद, अहमदाबाद, मुम्बई तथा नई दिल्ली में माह अगस्त में रोड़ शो के भी आयोजन किये गये।

मीडिया सेंटर में डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड इंवेस्टर्स समिट की तैयारियों के संबंध में मीडिया से वार्ता करते हुए सीएम ने कहा कि इन इवेंट्स में नीतियों तथा निवेश के सम्बन्ध में जो इंपुट्स निवेशकों द्वारा मिले, उसी परिपेक्ष में राज्य सरकार द्वारा प्रभावी कार्यवाही की गयी। रोड़ शो में निवेशकों द्वारा राज्य में निवेश के प्रति विशेष अभिरूचि प्रदर्शित करते हुए एग्रो एवं फूड प्रासेसिंग, सौर ऊर्जा उत्पादन, मेडिसिटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन, आॅटो व फाउण्ड्री के क्षेत्र में निवेश के लिये विशेष उत्साह प्रकट किया है। प्रदेश के पहाडी जिलों में भी निवेश को बढावा देने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा 13 डिस्ट्रिक 13 न्यू डेस्टिनेशन पर कार्य किया जा रहा है। इनके माध्यम से पर्यटकों को पहाडों मे अधिक से अधिक आकर्षित किया जाने का लक्ष्य है। एरोमा नीति से पहाड़ो पर सगंध खेती के कलस्टर विकसित हो रहे हैं। आॅर्गनिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है तथा फूड प्रोसेसिंग, फ्लोरीकल्चर, ग्रामीण पर्यटन, होम स्टे, आयुष व वेलनेस तमाम ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें निवेश हेतु निवेशकों को आकर्षित कर ग्रामीणों को आर्थिक लाभ से जोडे जाने के लिये प्रयास किये गये हैं। उन्होंने बताया कि इन्ही प्रयासों का परिणाम है कि प्रदेश में लगभग 80 हजार करोड निवेश के एमओयू गतिमान है। जिसमें से अब तक 75 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू हो चुके हैं। इसमें सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 27 हजार करोड, स्वास्थ्य के क्षेत्र में 14 हजार करोड, मैनुफैक्चरिंग के क्षेत्र में 11 हजार करोड, पर्यटन के क्षेत्र में 13 हजार करोड, आईटी के क्षेत्र में 05 हजार 05 सौ करोड, खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 05 हजार के एमओयू किये जा चुके हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने बताया कि यही नही जनपदों में भी अधिकाधिक निवेश के एमओयू किये जा चुके हैं, जिसमें हरिद्वार में 30, उधमसिंह नगर में 66, नैनीताल में 31, देहरादून में 69, टिहरी में 20, पौडी गढवाल में 38, चमोली में 30, अल्मोडा में 20, रूद्रप्रयाग में 10, चम्पावत में 19, उत्तरकाशाी में 11, पिथौरागढ में 11, बागेश्वर में 04 उद्योगों में 1638.57 करोड की लागत के कुल 359 उद्योग स्थापित किये जायेंगे जिसमें 13860 स्थानीय युवाओं को सीधे लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह ने कहा कि इंवेस्टर्स समिट में हमने पहाडी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश पर विशेष ध्यान दिया है तथा टूरिज्म एंड हाॅस्पिटैलिटी, फूड प्रोसेसिंग हाॅर्टीकल्चर, फ्लोरीकल्चर, जडी बूटी एवं सगंध पौध, फार्मा नेचुरल फाइबर, सौर ऊर्जा, बायोटेक्नोलाॅजी में अधिकाधिक निवेश के एमओयू किये गये है। इस निवेश से न केवल राज्य की आर्थिक स्थित मजबूत होगी बल्कि राज्य में औद्योगिक वातावरण को मजबूत बनायेगा तथा स्थानीय उत्पादों को उचित बाजार दिलायेगा तथा रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने जानकारी दी कि सम्मेलन में औद्योगिक घरानों आईटीसी, रिलायंस, पवनहंस, अमूल, वर्धमान, हीरो मोटोकाॅप, सीएंडएस, रेडिसन ग्रुप, आईबैरक्स एक्सपेडिशन, अजूरे पावर आदि घरानों के प्रतिनिधि प्रतिभाग कर रहे है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जापान, चैक गणराज्य, अर्जेन्टीना, माॅरीशस, नेपाल के निवेशक भी इस सम्मेलन में प्रतिभाग करेंगे। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि सम्मेलन का उद्घाटन 07 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे तथा समापन सत्र की अध्यक्षता  08 अक्टूबर को मा.गृह मंत्री भारत सरकार श्री राजनाथ सिंह द्वारा की जायेगी। विभिन्न विषयों पर केन्द्रित सत्रों में  नितिन जय राम गडकरी मंत्री सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी, पीयूष गोयल मा0 मंत्री रेल, रवि शंकर प्रसाद मंत्री संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी, हरसिमरत कौर बादल मंत्री खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, के. जे. अल्फोंज(स्वतंत्र प्रभार) मंत्री पर्यटन, सी. आर. चैधरी राज्य मंत्री वाणिज्य एवं उद्योग, हर्बल पार्क के सीईओ रविन्द्र चैधरी द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह ने कहा कि निवेशकों को बढावा देने तथा युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने तथा उनका आर्थिक स्तर उठाने के लिये प्रथम बार प्रदेश सरकार द्वारा गत 01 माह के अन्तर्गत 05 कैबिनेट बैठक कर 10 नई नीतियों को बनाया गया है। उन्होंने कहा कि  पिरूल जो कि पहाड में वेस्ट प्रोडक्ट के रूप में जाना जाता है का आर्थिक उपयोग किये जाने का सरकार की योजना है। सम्मेलन में उद्घाटन सत्र के पश्चात 12 फोकस सैक्टर्स, जैसेः पर्यटन एवं आतिथ्य, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, बागवानी, फ्लोरीकल्चर, जड़ीबूटी एवं सगन्ध पौध, वेलनेस एवं आयुष, फार्मा, आॅटोमोबाइल, नेचुरल फाइबर, सूचना प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी, फिल्म शूटिंग, अवसंरचना विकास, शिक्षा, कौशल विकास एवं स्टार्टअप विषयों पर केन्द्रित 8 सैक्टोरल सत्र के अतिरिक्त कन्ट्री सेसन के रूप में साझेदार देश जापान तथा चैक रिपब्लिक के साथ दो सत्र आयोजित किये जायेंगे। 8 अक्टूबर को सम्मेलन की समाप्ति पर यह सभी सत्र उत्तराखण्ड सरकार के सहयोग के सम्भावित क्षेत्रों, यथाः पर्यटन और आतिथ्य, विनिर्माण, शिक्षा और कौशल विकास, कृषि व खाद्य प्रसंस्करण, आयुष एवं वैलनेस, फिल्म सूटिंग, एमएसएई, स्टार्टअप्स, सूचना प्रौद्योगिकी आदि पर केन्द्रित होंगे और औद्योगिक विकास के लिये नये रास्ते तलासेंगे। सैक्टोरल सत्र मंे एक सत्र फिल्म शूटिंग विषय पर केन्द्रित है, जिसमें श्री प्रसून जोशी अध्यक्ष केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड प्रतिभाग करेंगे। राज्य के आर्थिक विकास के लिए वैश्विक निवेशकों, नीति निर्माताओं तथा औद्योगिक प्रतिष्ठानों को एक मंच पर लाने का यह प्रथम प्रयास है। यह सम्मेलन राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के निवेशकों को इन क्षेत्रों में निवेश एवं व्यापार के अवसर प्रदान करेगा।

राज्य सरकार द्वारा निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक क्षेत्र के लिए कई नीतिगत उपाय एवं प्रोत्साहन प्रदान किये हैं। विभिन्न क्षेत्रों के विकास एवं संवर्द्धन हेतु लागू नीतियों में से एम0एस0एम0ई0 नीति, टैक्सटाइल पाॅलिसी, मैगा औद्योगिक एवं निवेश नीति, फिल्म नीति पूर्व से लागू है। स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2018 में राज्य में स्टार्टअप नीति-2018 प्रख्यापित की गई है। हाल ही में, इन्वेस्टर्स समिट से पूर्व राज्य सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के लिये बृहद औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति, पर्यटन नीति, सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवाओं के लिए सूचना प्रौद्योगिकी नीति, आयुष नीति, इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण नीति, एरोमा पार्क नीति, जैव प्रौद्योगिकी नीति प्रख्यापित की हैं।