देहरादून, कांग्रेस नेत्री व काफल चैप्टर आॅफ गढ़वाल की संयोजिका आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के जरुरतमंद लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाली धनराशि को यथाशीघ्र अवमुक्त करने की मांग को लेकर जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया। उन्होंने इस संबंध में जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा।
ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने बेटी बचाव बेटी पढ़ाओं का नारा दिया है और दूसरी तरफ प्रदेश में समाज कल्याण विभाग के अधिकारी बेटियों को उनके हक से वंचित कर रहे हैं। प्रदेश में अधिकत्तम जिलों में अधिकारी पूर्व सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को व बेटी बचाव बेटी बढ़ाओं के नारे को रौंदने में लगे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा प्रदेश हित व जनहित की कई परियोजनाओं जिनमें मुख्यतः गौरादेवी कन्याधन योजना, आन्दोलनकारियों की पेशंन, धर्माचार्यो की पेश्ंान, विकलांग पेशंन व निराश्रित विधवाओं की बेटियों की शादी के लिये लाखों रुपये के अनुदान व अन्य पेशंन व योजनाओं के अन्र्तगत जिस धनराशि का वितरण होना चाहिए था सम्बन्धित महकमों की लापरवाही की वजह से वो बैंकों तक ही सीमित रह गया तथा जरुरतमंद व इस मद में मिलने वाले धन के लाभार्थियों अपने इस लाभ से वंचित रह गए। ऊपर से सोने पे सुहागा यह कि जिलों में बगैर शासन व वित्त अनुभाग कि अनुमति के नियमाविरुद्ध बैंकों में कई-कई खाते खोल दिये गए जिनमें लगभग 45 करोड़ रुपयों से अधिक की धनराशि जो कि उपयोग में लाई जानी चाहिए थी वह खातों तक ही सीमित रह गई और गरीबी रेखा से नीचें जीवन यापन करने वाले 600 से अधिक बालिकाओं को निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों की शादीयों के लिए एंव पूर्व सरकार द्वारा लाभ जो दिये गये थे उनका लाभार्थीयों तक न पहुॅच पाना दुर्भाग्यपूर्ण है एवं महिला अपराधों पर भी अंकुश न लगा पाने में सरकार असफल रही है। इस अवसर पर आईशा, रेखा डिंगरा, हिमांशु लोधी, पायल बहन, कोकिला, आशा, माला, रुपा, अलिशा, शमां, सन्नों, नगमा, रेहाना, ममता, रीना पासवान, ललिता देवी आदि उपस्थित थे।