देहरादून,प्रदेश के वन मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत ने विधान सभा सभा कक्ष में कालागढ़ प्रकरण के सम्बन्ध में आपात बैठक शासन, प्रशासन एवं विभागीय स्तर पर बैठक की। मंत्री ने कहा कि गत कई महीनों से चल रहे कालागढ़ प्रकरण न्यायालय द्वारा सम्पूर्ण आबादी को हटाकर कार्बेट को आबादी मुक्त करने के निर्देश दिये थे। इन निर्देशों के कारण वहां की जनता में लगातार भय व्याप्त है। उन्हें भय है कि वे कभी भी बेघर हो सकते हैं। इस पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बीच का रास्ता निकाला जाय ताकि वहाॅ की जनता को बेघर होने से बचाया जा सके और न्यायपालिका का भी सम्मान रखा जाय।

बैठक में तय हुआ की उक्त प्रकरण को शीघ्र कैबिनेट में मंत्रिमण्डल के समक्ष रखा जायेगा। मंत्रिमण्डल से स्वीकृति मिलने के बाद इसमें एक उप समिति बनायी जाएगी जो तत्काल सारे विषयों पर अपनी रिर्पोट प्रस्तुत करेगी। मंत्री ने कहा कि इस प्रकरण लेकर पुनः सुप्रीम कोर्ट जायेंगे। प्रशासन को निर्देश दिये गये हैं कि किसी भी प्रकार का अमानवीय व्यवहार न हो और घरों से अतिक्रमण हटाने से पहले अन्य अतिक्रमण हटाया जाय। इसके साथ ही वन गुर्जरों के सम्बन्ध में मंत्री ने कहा कि भले ही कोर्ट ने वन गुर्जरों के पक्ष में किसी भी प्रकार का मुआवजा नही बनता है के निर्देश दिये हैं, परन्तु राज्य सरकार मानवीय पहलुओं का भी ध्यान रखेगी और उनकी सम्पूर्ण व्यवस्था करेगी। मंत्री ने मुआवजा के सम्बन्ध में कहा कि प्रत्येक परिवार को लगभग 5 बीघा जमीन और घर बनाने के लिए 5 लाख या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनवाये जायेंगे।
  इस अवसर पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, अपर मुख्य सचिव डा0 रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव न्याय आलोक कुमार वर्मा, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव सुरेन्द्र मेहरा, जिलाधिकारी पौड़ी सुशील कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक पौड़ी जे.आर. जोशी, अपर सचिव वन्य एवं पर्यावरण डा0 धीरज पाण्डे, निदेशक कार्बेट टाइगर रिजर्व राहुल एवं डी.एफ.ओ. रामनगर नेहा वर्मा आदि अधिकारी मौजूद थे।