विधानसभा अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि तनाव भरी जिंदगी में हंसाने के मौके कम ही मिलते हैं। उन्होंने कहा कि कवि और लेखक जिंदगी के उन पहलुओं को छूते हैं, जिन्हें आम आदमी रोजना की भागदौड़ में कहीं न कहीं भूल जाता है। लफ्जों के जादू से जिंदगी को महकाने का यह नायाब तरीका है। उन्होने कहा की इस तरह के सांस्कृतिक आयोजन से आपसी सौहार्द बढ़ता है तथा भाषा को भी बढ़ावा मिलता है। इस अवसर पर पूर्व मंत्री शूरवीर सजवाण, दीप शर्मा, नारायण दास ,आशुतोष , डॉ राजे नेगी ,उतम असवाल ,नीलम मिश्रा ,मिनाक्षी काला, कवि धनेश कोठारी ,कवि हेमंती नंदन ,कवि मदन मोहन ,कवियत्री नीता कुकरेती ,अविनाश चंद्र मिश्रा ,सत्येन्द्र सिंह चैहान ,सरोज डिमरी, अनीता मंमगाई ,कमला नेगी ,चंदन पंवार, रवींद्र सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
ऋषिकेश, भरत मंदिर इण्टर कॉलेज के सभागार में खुशियॉ संस्था के तत्वावधान में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में शायर एवं कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से श्रोताओ का मनोरंजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर के किया ।
कवि सम्मेलन के दौरान हास्य रस की बारिश के बीच नामचीन कवियों ने सामाजिक संरचना के साथ देशभक्ति पर गीत व काव्य-पाठ प्रस्तुत कर मौजूद लोगों के रोम-रोम को रोमांच से पुलकित कर दिया। हास्य कवियों ने अपने व्यंग्य से दर्शको को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया।