देहरादून, इन्वेस्टर्स समिट के उद्घाटन अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हीं की सोच और प्रेरणा से आज यह आयोजन किया जा रहा है।
मुख्य सचिव ने हिमालय और प्रकृति की गोद मे स्थित गंगा, यमुना, संतों, सूफियों और गुरुओं की धरती को तप भूमि बताते हुए कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य,गुरु गोविंद सिंह जी,सूफी संत हजरत साबिर कलियारी, स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी की तपोभूमि है। यहां के लोगों की उद्यमिता की वजह से ही युवा स्टार्टअप, महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित प्रसाद, सड़कों की मरम्मत,होम स्टे जैसी गतिविधियां चल रहीं हैं।
विगत 18 वर्षों राज्य की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी दस गुना बढ़कर 1.60 लाख रुपये हो गई है।रोड नेटवर्क 789 किलोमीटर प्रति 1000 वर्ग किलोमीटर हो गई है। उन्होंने कहा कि विकास के साथ साथ यहां के लोगों ने प्रकृति के संरक्षण में भी योगदान दिया है। श्री सिंह ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि राज्य की अनूठी विशेषताओं का आकलन कर 12 क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है।
खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन एवं आतिथ्य,आयुष एवं वैलनेस,ऑटोमोबाइल और ऑटो उपकरण,फार्मास्युटिकल्स,नेचुरल फाइबर्स, हॉर्टिकल्चर एवं फ्लोरीकल्चर,जड़ी बूटी एवं सगंध पादप,आईटी, बायो टेक्नोलॉजी,नवीनीकरण ऊर्जा सेक्टर प्रमुख हैं। उन्होंने बताया कि निवेश के लायक 50 परियोजनाएं तैयार की गई हैं। विगत 18 वर्षों में उत्तराखंड व्यापार गंतव्य के रूप में उभरा है।
मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तराखंड में निवेशकों के आकर्षित होने के कई कारण हैं। प्रदूषणमुक्त पर्यावरण,जल की अधिकता,शांतिपूर्ण माहौल,राज्य सरकार का उद्योग के प्रति सकारात्मक रुख,रेल,रोड और एयर कनेक्टिविटी,आधुनिक एवं एकीकृत औद्योगिक आस्थान, सस्ती दर पर बिजली,उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान, हिल स्टेशन प्रमुख कारण हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखंड के प्रति विशेष लगाव होने की वजह से आल वेदर चारधाम सड़क परियोजना, भारतमाला परियोजना, कर्ण प्रयाग रेल परियोजना और बड़ी संख्या में अंतरराज्यीय सड़कों का चौड़ीकरण प्रमुख है।
विगत 18 वर्षों राज्य की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी दस गुना बढ़कर 1.60 लाख रुपये हो गई है।रोड नेटवर्क 789 किलोमीटर प्रति 1000 वर्ग किलोमीटर हो गई है। उन्होंने कहा कि विकास के साथ साथ यहां के लोगों ने प्रकृति के संरक्षण में भी योगदान दिया है। श्री सिंह ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि राज्य की अनूठी विशेषताओं का आकलन कर 12 क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है।
खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन एवं आतिथ्य,आयुष एवं वैलनेस,ऑटोमोबाइल और ऑटो उपकरण,फार्मास्युटिकल्स,नेचुरल फाइबर्स, हॉर्टिकल्चर एवं फ्लोरीकल्चर,जड़ी बूटी एवं सगंध पादप,आईटी, बायो टेक्नोलॉजी,नवीनीकरण ऊर्जा सेक्टर प्रमुख हैं। उन्होंने बताया कि निवेश के लायक 50 परियोजनाएं तैयार की गई हैं। विगत 18 वर्षों में उत्तराखंड व्यापार गंतव्य के रूप में उभरा है।
मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तराखंड में निवेशकों के आकर्षित होने के कई कारण हैं। प्रदूषणमुक्त पर्यावरण,जल की अधिकता,शांतिपूर्ण माहौल,राज्य सरकार का उद्योग के प्रति सकारात्मक रुख,रेल,रोड और एयर कनेक्टिविटी,आधुनिक एवं एकीकृत औद्योगिक आस्थान, सस्ती दर पर बिजली,उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान, हिल स्टेशन प्रमुख कारण हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखंड के प्रति विशेष लगाव होने की वजह से आल वेदर चारधाम सड़क परियोजना, भारतमाला परियोजना, कर्ण प्रयाग रेल परियोजना और बड़ी संख्या में अंतरराज्यीय सड़कों का चौड़ीकरण प्रमुख है।