विकासनगर, आजखबर। जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष एवं जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि दूनघाटी क्षेत्रान्तर्गत सभी प्रकार की खनन क्रियायें यथा खनन पट्टे, स्क्रीनिंग प्लाॅट, हाॅट मिक्स, भण्डारण इत्यादि सभी क्रियायें उच्च न्यायालय के आदेश 2 जुलाई 2015 के तहत प्रतिबन्धित है, जिसको उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका सं0 (पी0आई0एल0) 66/2014 के तहत प्रतिबन्धित किया है। इसी क्रम में दूनघाटी प्राधिकरण के अध्यक्ष द्वारा अपने आदेश 28 अप्रैल 2017 के द्वारा भी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है की प्राधिकरण से उक्त कार्य की अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल कर ही खनन क्रियायें जारी करें तथा उक्त सभी कार्यों को भी परिभाषित किया गया है कि किन-किन कार्यों हेतु अनानत्ति प्रमाण लेनी है।

यहां एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त प्रमुख वन संरक्षण द्वारा अपने पत्र 1 अप्रैल 2014 के द्वारा भी कन्जरवेशन रिजर्व में नेशनल वाइल्ड लाईफ की अनुमति का उल्लेख किया है। हैरानी की बात यह है कि इन सब संस्थाओं से अनुमति के अतिरिक्त बहुत ही महत्वपूर्ण विभाग पर्यावरण एवं प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड की अनुमति हर हाल में आवश्यक होती है, लेकिन शासन में बैठे अधिकारियों व माफियाओं की मिली-भगत के चलते सारे नियम-कानून बोने साबित हो रहे हैं। शासन में बैठे अधिकारियों ने इन माफियाओं को फायदा पहुॅंचाने के लिए नियमों की धज्जियाॅं उड़ा दी हैं तथा दूसरी तरफ गरीबों एवं असहायों को कानून का पाठ पढ़ाया जाता है। उक्त मामले को लेकर मोर्चा द्वारा 14 जुलाई 2018 को प्रमुख सचिव, औद्योगिक विकास को पत्र प्रेषित कर कार्यवाही का आग्रह किया था तथा मोर्चा के पत्र का संज्ञान लेते हुए शासन ने 23 जुलाई 2018 को निदेशक, भूतत्व एवं .खनिकर्म विभाग को कार्यवाही हेतु निर्देश दिये हैं।

मोर्चा प्रदेश में किसी भी प्रकार का अवैध कारोबार नहीं होने देगा तथा अधिकारियों/ माफियाओं की साॅंठगाॅंठ को पनपने नहीं देगा। पत्रकार वार्ता में मौ0 असद, प्रवीण शर्मा पीन्नी आदि उपस्थित रहे।