उन्होंने कहा कि राज्य के नैसर्गिक सौन्दर्य और आध्यात्मिक स्वरूप और भयमुक्त वातावरण को देखते हुए आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में निवेष कर अपनी महति भूमिका निभायें। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी और अन्य जनपदों में आयुर्वेदिक चिकित्सालयों का निर्माण किया जा रहा है तथा राज्य में सिंगल विण्डों के माध्यम से निवेष के लिए बेहतरीय माहौल बनाया गया है। उन्होंने आनंदा, पतंजलि के साथ-साथ अन्य निवेषकों को भी आयुष, पंचकर्मा, योगा, मसाज आदि चिकित्सा के क्षेत्र में आगे आने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में अच्छे निवेष हेतु राज्य द्वारा कई क्षेत्रों में षिथिलीकरण भी कर दिया गया है और बेहतर निवेष हेतु सब्सिडी की सहायता भी निवेषकों को दी जा रही है। उन्होंने कहा कि 50 करोड़ लोगों को 5 लाख तक की चिकित्सा हेतु बीमा किया गया है साथ ही 1300 करोड़ रूपये की धनराषि का प्राविधान विलनेष सेन्टरों के लिए किया है तथा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में भी धनराषि का प्राविधान कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि योजना के संचालन के लिए आरोग्य मित्रों का भी रखा गया है।
प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में अभी तक 3 हजार करोड़ का एमओयू हो चुका है और आगे आने वाली समय में बड़े निवेष की संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में निवेश हेतु सभी परेशानियों को दूर किया जा रहा है जिसके लिए एकल खिड़की की व्यवस्था की गई हैं। उन्होंने कहा कि इस समिट को देखते हुए राज्य के कई आयुर्वेदिक विद्यालयों ने आगामी सत्र से नेचुरल पैथोलाजी, ईष्पा, मसाज, योगा आदि पर नये विषयों को खोलने तथा उच्च स्तर पर कक्षायें संचालित करने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि ब्रांडेड गु्रपों द्वारा अच्छे निवेष की संभावनाएं जताई हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक क्षेत्र में 40 प्रतिषत दवायें निर्मित की जा रही है और बड़े निवेष से राज्य में आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में तेजी आयेगी और लोगों को रोजगार के साधन मुहय्या हो सकेंगे। उन्होंने निवेषकों को आयुर्वेद के क्षेत्र में राज्य में निवेष करने के लिए आमंत्रित किया। सचिव, उत्तराखण्ड आरके सुधांषु ने कहा कि उत्तराखण्ड विगत कई वर्षो से आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण के क्षेत्र में अग्रसर है और राज्य में बेहतर निवेष की संभावनाओं को देखते हुए इस क्षेत्र में निवेष के लिए निवेषकों को आमंत्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में आयुर्वेद के क्षेत्र में व्यापक संभावनाओं को देखते हुए कई प्रकार की छूट भी प्रदान की जा रही है। निवेशक सम्मेलन में आचार्य बालकृष्ण ने निवेषकों को निवेष हेतु आमंत्रित किया और कहा कि उत्तराखंड आयुर्वेद के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं समेटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यहां दक्ष मानव संसाधन व उद्योग का बेहतर माहौल है और इस क्षेत्र में निवेश की आवश्यकता। है । इस अवसर पर महेश नटराजन, सौम्यजीत राय, प्रोफेसर अभिमन्यु कुमार, रंजीत मेहता, डा.विजय धस्माना आदि ने भी संबोधित किया।
देहरादून, इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन हेल्थ केयर एण्ड विलनेस शेषन में केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे ने कहा कि उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन, योगा, ध्यान केन्द्र, पंचकर्म, नेचुरलपैथी आदि के क्षेत्र में निवेश की पर्याप्त संभावनाएं हैं। प्रदेश के ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल पर्यटकों के लिए आकर्षक होंगे तथा योगाभ्यास के लिए ऋषिकेष एवं हरिद्वार के साथ अन्य पर्यटक स्थलों को पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि निवेषक राज्य में पर्यटन एवं योगा केेन्द्र अवस्थापना विकास में बेहिचक अधिकाधिक रूचि दिखायें।