नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) उत्तराखंड समेत भारत के 08 राज्यों की फीस मुद्दे को लेकर जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार ।
देहरादून – लॉक डाउन के दौरान अभिभावकों को हो रही असुविधा एवं बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए संपूर्ण देश मे निजी स्कूलों की मनमानियों के विरुद्ध अभिभावकों एवं अभिभावक संघों द्वारा आवाज उठाई जा रही है उत्तराखण्ड भी इस से अछूता नही है बता दें कि नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) समेत कई राजनीतिक एवं गैर राजनीतिक दलों एवं व्यक्तिगत तौर पर भी माननीय उच्च न्यायालय मे जनहित याचिका लगाई गयी किन्तु 22 जून 2020 को आये फैसले से असंतुष्ट होकर नेशनल एसोसिएशन फ़ॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) समेत 08 राज्यो ने सुप्रीम कोर्ट मे जनहित याचिका संख्या 133166/2020 डाली गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
देश के 8 राज्यों की डाली गई उक्त याचिका मे मांग की गई है कि जब तक कोरोना का कहर खत्म नही होता या इसकी वैक्सीन नही बन जाती, तब तक ऑनलाइन क्लॉस पर रोक लगाने हेतु एवं फीस जमा न होने के कारण नियामक आयोग एवं फीस एक्ट के अंतर्गत किसी बच्चे को स्कूल से टर्मिनेट न किया जाए । अब याचिकाकर्ता 08 राज्यों समेत दुनिया भर के अभिभावकों की निगाह सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और फैसले पर टिकी हुई हैं क्योंकि सभी राज्यों की हाई कोर्ट के निर्णय से आहत होकर ही माननीय उच्चतम न्यायालय की शरण ली ।माननीय सुप्रीम कोर्ट मे निम्नलिखित राज्यों द्वारा सँयुक्त जनहित याचिका लगाई गई है ।
1-उत्तराखंड 2-राजस्थान 3- हरियाणा 4- पंजाब 5- गुजरात 6- उड़ीसा 7- महाराष्ट्र 8-दिल्ली
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