महान क्रांतिकारी चे ग्वेरा का आज जन्मदिन है। क्यूबा ही नहीं दुनिया के कोने-कोने में अपनी क्रांतिकारी सोच और क्रांति का नायक न जाने कितने लोगों की प्रेरणा का स्रोत और रोल मॉडल है।

आज कोरोना महामारी के दौरान जब हम अपने  सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं और सत्ता में बैठे लोग ‘आपदा को अवसर’ मानते हुए उसे  भुना कर जनता का खून चूस रहे हैं ऐसे में “ग्वेरा” के विचारों को जानना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। खासकर तब जब हमारे देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा युवाओं का है।

पेशे से डॉक्टर चे ग्वेरा 33 साल की उम्र में क्यूबा के उद्योग मंत्री बने, लेकिन उसके बाद लैटिन अमेरिका में क्रांति की अलख जगाने के लिए अपने पद को छोड़कर फिर से क्रांति की राह पर चल दिये।

चे अगर चाहते तो आराम से डॉक्टरी के पेशे में अपनी पूरी ज़िंदगी गुजार सकते थे लेकिन अपने आसपास की गरीबी और शोषण को देखकर चे का बागी मन विचलित हो उठा और मार्क्सवादी सोच का यह युवा शोषण और गरीबी के खिलाफ सशत्र आंदोलन कर बैठा।

1959 में चे भारत यात्रा पर आए थे और नेहरू से मुलाक़ात के बाद वो भारत से बहुत प्रभावित हुए थे। चे ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, “हमें नेहरू ने बेशकीमती मशविरे दिए और हमारे उद्देश्‍य की पूर्ति में बिना शर्त अपनी चिंता का प्रदर्शन भी किया. भारत यात्रा से हमें कई लाभदायक बातें सीखने को मिलीं. सबसे महत्‍वपूर्ण बात हमने यह जाना कि एक देश का आर्थिक विकास उसके तकनीकी विकास पर निर्भर करता है और इसके लिए वैज्ञानिक शोध संस्‍थानों का निर्माण बहुत ज़रूरी है- मुख्‍य रूप से दवाइयों, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान और कृषि के क्षेत्र में.”

भारत के युवाओं के लिए चे को जानना और समझना इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि आज सत्ता में बैठे लोग जनता का शोषण करने में लगे हैं, संविधान तो अब  सिर्फ नाम का रह गया है और लोकतंत्र को कुचलने के लिए सत्ता हर वो हथकंडा अपना रही है जिससे लोग अपने अधिकारों की बात करना ही छोड़ दें।

देश से बढ़कर कुछ भी नहीं होता न कोई व्यक्ति, न धर्म, न सरकार और न ही विपक्ष। आज जब सरकार ने चाटुकारिता और तलवे चाटने को देशभक्ति बना दिया है और संविधान और लोकतंत्र के दायरे में रहकर सवाल करने वालों को फर्जी मुकदमों में जेल भेजा जा रहा है, उन्हें देशद्रोही कहकर जलील करने की कोशिश की जा रही है ऐसे में आज आवश्यक हो गया है कि भारत के युवा चे ग्वेरा से प्रेरणा लेकर संविधान और लोकतंत्र के दायरे में रहते हुए सरकार से सवाल पूछे, गलत नीतियों का विरोध करे।

महान क्रांतिकारी कॉमरेड ग्वेरा को जन्मदिन की बधाई और लाल सलाम