कोरोना वायरस

12 जून देश में कोरोना महामारी के गहराते संकट से चिंता बढ़ती जा रही है। संक्रमण के आंकड़े जहां तीन लाख से महज चंद आंकड़े पीछे रह गए हैं, वहीं मृतकों की संख्‍या लगभग साढ़े आठ हजार हो गई है। जिस रफ्तार से यहां संक्रमण बढ़ रहा है, उसने नई चिंताओं को जन्‍म दिया है। इस घातक संक्रमण से सर्वाधित प्रभावित देशों की सूची में भारत अब चौथे नंबर पर पहुंच गया है। इसके आगे बस अमेरिका, ब्राजील और रूस हैं।

जुलाई, अगस्‍त में और बढ़ सकते हैं मामले’

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दिल्‍ली में सर गंगाराम अस्‍ताल के वाइस चेयरमैन डॉ. एसपी बयोत्रा ने चेताया कि संक्रमण की बढ़ती रफ्तार पर जल्‍द अंकुश लगती नजर नहीं आ रही है, बल्कि कोरोना के मामलों में जुलाई की शुरुआत, मध्‍य या अगस्‍त तक और बढ़ोतरी के आसार हैं। इससे बचाव के लिए टीके को लेकर जारी तमाम रिसर्च और दावों के बीच उन्‍होंने यह भी कहा कि उन्‍हें नहीं लगता कि अगले साल की पहली तिमाही तक इस दिशा में कोई खास प्रगति होने जा रही है।

रेजिडेंट डॉक्टरों को वेतन भुगतान का निर्देश

दिल्ली हाई कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को कस्तूरबा गांधी और हिंदू राव समेत अपने छह अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों को मार्च का वेतन 19 जून तक देने का शुक्रवार को निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने दिल्ली सरकार को नगर निगम को निधि जारी करने के लिए भी कहा, ताकि वह अपने अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों को अप्रैल का वेतन 24 जून तक दे सकें।

‘लोगों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक किया जा रहा’

दिल्‍ली में संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच पिछले दिनों एलएनजेपी अस्‍पतालों में शवों को बेतरतीब तरीके से रखने का मामला सामने आया था, जिस पर तल्‍ख टिप्‍पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि लोगों से जानवरों से भी बदतर सलूक किया जा रहा है। जस्टिस शाह ने कहा, क्‍या शवों के साथ इस तरह से बर्ताव किया जाता है। अगर इसी तरह जारी रहा तो आने वाले दिनों में शव कूड़े में मिलेंगे… लोगों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक किया जा रहा है।’ तीन सदस्‍यीय पीठ ने इस मामले पर स्‍वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की, जिसमें शीर्ष अदालत ने सरकार से इस बारे में स्‍टैटस रिपोर्ट देने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि यहां कोविड-19 के मरीजों के साथ उचित व्‍यवहार नहीं हो रहा है। कोर्ट ने कहा कि दिल्‍ली के अस्‍पतालों में शवों का उचित प्रबंधन नहीं किया जा रहा है। कई मामलों में मरीजों के परिवारों को मौतों के बारे में नहीं बताया जा रहा है। यहां तक कि कुछ मामलों में मरीजों के परिजन अंतिम संस्‍कार में भी शामिल नहीं हो पाते।
पीठ में शामिल जस्टिस शाह ने नाराजगी भरे लहजे में कहा, ‘क्‍या शवों को इस तरह रखा जाता है, आखिर हो क्‍या रहा है? कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई बुधवार को होनी है।

लॉकडाउन पर PIL खारिज

दिल्‍ली हाईकोर्ट ने राष्‍ट्रीय राजधानी में 30 जून तक लॉकडाउन लागू करने को लेकर दायर जनहित याचिका खारिज कर दी है। यहां संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह याचिका दायर की गई थी और कोर्ट से अनुरोध किया गया था कि वह यहां लॉकडाउन 30 जून तक बढ़ाने के लिए दिल्‍ली सरकार को निर्देश दे।

उत्तराखंड में बढ़े मामले

उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर अब 1692 हो गए हैं, जिनमें से 771 एक्टिव केस हैं, जबकि 19 लोगों की अब तक जान गई है।

 

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