समाज को जागरूक करने का बेहतर माध्यम है पत्रिकाः चौधरी
रुद्रप्रयाग, समाज को जागरूक करने और अपनी संस्कृति से रूबरू कराने में पत्रिका का अहम योगदान रहेगा। आज लोग अपनी बोली भाषा और संस्कृति से दूर भाग रहे हैं, जिसका असर सीधे तौर पर समाज पर पड़ता नजर आ रहा है। ऐसे में जरूरी है कि लोगों को अपनी संस्कृति और कला से रूबरू करवाया जाय।
राजकीय इंटर काॅलेज रुद्रप्रयाग में चंद्रदीप्ति पत्रिका का लोकार्पण करते हुए क्षेत्रीय विधायक भरत सिंह चैधरी ने पत्रिका को बच्चों व अन्य लोगों के लिए एक अहम मंच बताया।
उन्होंने कहा कि पत्रिका में तीर्थाटन एवं पर्यटन की जानकारी दी गयी है। जिले में तीर्थाटन की अपार संभावनाएं हैं, जो पत्रिका के माध्यम से दर्शायी गयी हैं। इसके अलावा प्रकृति और मानव की संरचना भी पत्रिका में की गयी है। उन्होंने कहा कि यह पत्रिका समाज को जागरूक करने का बेहतर माध्यम है। इसमें कविताओं का समावेश किया गया है। इन कविताओं से सीख लेने की जरूरत है। श्री चैधरी ने कहा कि गंगा की अविरलता को लेकर भी पत्रिका में जानकारी दी गयी है। आज चारों ओर गंदगी के कारण सम्पूर्ण देश परेशान है। प्रकृति और पर्यावरण पर इसका गहरा असर पड़ रहा है। इसके लिए समय रहते सोचने की जरूरत है। समाज में बेहतर कार्य कर रहे लोगों की जानकारी भी पत्रिका में दी गयी है। जो व्यक्ति समाज के लिए बेहतर कार्य करता है, उसकी मान-प्रतिष्ठा समाज में और अधिक बढ़ जाती है और उसे सदैव याद किया जाता है। पत्रिका के संपादक विनोद प्रसाद भट्ट ने कहा कि चंद्रदीप्ति पत्रिका का पहले अंक का विमोचन किया गया है। अकसर देखने को मिलता है साहित्य व बिंदुओं पर लेखनी का शौक रखने वाले लोगों को पत्र पत्रिकाओं में पर्याप्त स्थान नहीं मिल पाता है, लेकिन चंद्रदीप्ति पत्रिका में कोई भी अपने लेख दे सकता है। इसमें बाल लेखकों के लेखों को भी शामिल किया जाएगा। पत्रिका में सहयोग के लिए उन्होनें सभी लोगों का धन्यवाद किया। इस दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया और कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर लोगों का मन मोह लिया।
इस मौके पर प्रो. डीआर पुरोहित, वरिष्ठ वैज्ञानिक आभा नवीन, एनडी सेमवाल, मनोज थापा, केके डिमरी, शिव सिंह नेगी, प्रधानाचार्य डीसी वाजपेयी, हरेंद्र बिष्ट, आनंद सिंह जगवाण, चक्रधर सेमवाल, मनमोहन भट्ट, अनिल सिंह रावत, गजेन्द्र रौतेला,नंदन सिंह राणा, माधव सिंह नेगी, वृजमोहन भट्ट, ललिता रौतेला समेत साहित्यकार व अन्य लोग मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन कलश संस्था के संस्थापक एवं ओम प्रकाश सेमवाल ने किया।