वैसे तो नरेश सक्सेना जी द्वारा रचित कविता  #चम्बल पहले भी कई बार सुन चुका था, मगर नाट्य संस्था ‘जनरंग’ की पहली मीटिंग के दौरान रामनगर में अजीत साहनी के अंदाज में इस कविता को सुनने का आंनद ही कुछ और था। उसके बाद उनको  नवंबर 19 में, देहरादून के नगर-निगम प्रेक्षागृह में जनसंवाद के द्वारा आयोजित ”सम्मान समारोह” में इस रचना के काव्यपाठ के लिए विशेष रूप से  आमंत्रित किया गया था । आप भी उनके इस काव्यपाठ  का लुत्फ लें ।

बाकी के कार्यक्रम की फुटेज भी जल्द ही चैनल में देखने को मिलेगी। अतः अपने इस चैनल (#jansamvad) को लाइक व सब्स्क्राइब कर लोगे तो हमारी भी कुछ हिम्मत बढ़ जावेगी… बाकी थारी मर्जी । 

बाक़ी वीडियो के नीचे भी कुछ धरा हैगा …चेक कर सको तो …

 

 

ये कविता तो कई साल पहले के हालातों पर बनी थी मगर ‘आज’ कौन हैं चंबल के ‘लुटरे’।  ये जानना है तो यहाँ क्लिक करना पड़ेगा ।