देहरादून, जिलाधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी एस.ए मुरूगेशन ने अवगत कराया है कि शासनादेश एवं निदेशक पचंायती राज उतराखण्ड देहरादून के द्वारा निर्देश प्राप्त हुए हैं कि उत्तराखण्ड में वर्ष 2014 में त्रिस्तरीय पंचायतों के सामान्य निर्वाचन के पश्चात कुछ नई नगर पंचायतों का गठन किये जाने के कारण कुछ ग्राम पंचायत क्षेत्र नगर पंचायतों में सम्मिलित किए गए हैं। इसी प्रकार वर्ष 2018 में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के फलस्वरूप कतिपय नई ग्राम पंचायतें भी गठित की गई हैं, जिस कारण कई ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त होने तथा कई ग्राम पंचायतों के अस्तित्व में आने के कारण कुछ क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों में प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र प्रभावित हुए हैं।
उन्होनें अवगत कराया कि पंचायतीराज अधिनियम 2016 की धारा 50(3)क, 50(5) के अनुसार निर्वाचित सदस्य जो पंचायत क्षेत्र के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने जायेंगे और इस प्रयोजन के लिए, पंचायत क्षेत्रों का वर्णित रीति से प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजन किया जायेगा। पर्वतीय क्षेत्रों में 25000 तक ग्रामीण जनसंख्या वाले विकासखण्डों में 20 निर्वाचन क्षेत्र तथा 25000 से अधिक जनसंख्या वाले विकासखण्डों में उत्तरोत्तर अनुपातिक वृद्धि के आधार पर किन्तु अधिकतम 40 प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र होंगे। मैदानी क्षेत्रों में 50000 तक जनसंख्या वाले विकासखण्डों में 20 निर्वाचन क्षेत्र 50000 से अधिक जनसंख्या वाले विकासखण्डों में उत्तरोत्तर अनुपातिक वृद्धि के आधार पर किन्तु अधिकतम 40प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र होंगे। यह प्रतिबन्ध है कि निर्धारित प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र की जनसंख्या का अनुपात यथासाध्य सम्बन्धित विकासखण्ड में समान होगा तथा किसी क्षेत्र पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र में किसी संघटक ग्राम पंचायत का प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र भागतः सम्मिलित नही किया जायेगा।
पंचायतीराज अधिनियम 2016 की धारा 86(2) ख के अनुसार निर्वाचित सदस्य जो जिला पंचायत के निर्वाचित क्षेत्रों से प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने जाएंगे और इस प्रयोजन के लिए पंचायत क्षेत्र के वर्णित रीति से प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजन किया जायेगा। पर्वतीय क्षेत्रों में 24000 तक जनसंख्या वाले विकासखण्डों में न्यूनतम 2 निर्वाचन क्षेत्र तथा 24000 से अधिक जनसंख्या वाले विकासखण्डों में उत्तरोत्तर अनुपातिक वृद्धि के आधार निर्वाचन क्षेत्र निर्धारित किये जायेंगे। मैदानी क्षेत्रों में 50000 तक जनसंख्या वाले विकासखण्डों में न्यूनतम 02 निर्वाचन क्षेत्र 50000 से अधिक जनसंख्या वाले विकासखण्डों में उत्तरोत्तर अनुपातिक वृद्धि के आधार पर निर्वाचन क्षेत्र निर्धारित किये जायेंगे। तथा प्रतिबन्ध यह है कि निर्धारित प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र की जनसंख्या का अनुपात यथासाध्य सम्बन्धित विकासखण्ड में समान होगा, किसी भी जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में से किसी संघटक क्षेत्र पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र भागतः सम्मिलित नही किया जायेगा।
क्षेत्र पंचायतध्जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों का का पुनः परिसीमन उन्ही निर्वाचन क्षेत्रों में किया जायेगा जहां पर नई नगर पंचायत गठित होने अथवा ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के कारण क्षेत्र पंचायतध्जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। क्षेत्र पंचायत प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के सम्बन्ध में किसी भी कार्य दिवस में आपत्तियां विकासखण्ड कार्यालय, जिला पंचायतराज अधिकारी कार्यालय, मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय तथा जिलाधिकारी कार्यालय में की जकती हैं तथा जिला पंचायत प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के सम्बन्ध में आपत्तियां किसी भी कार्य दिवस में जिला पंचायतराज अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय एवं जिलाधिकारी कार्यालय में निर्धारित समय सीमा के भीतर ही प्रस्तुत की जा सकेंगी। आपत्तियों का निस्तारण जिलाधिकारी की अध्यक्षता में वाली समिति करेगी, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत, एवं जिला पंचायतराज अधिकारी सदस्य रहेंगे। यह समिति प्रत्येक आपत्ति पर सम्यक विचार के उपरान्त स्पष्ट आदेश पारित करते हुए अपना निस्तारण करेगी। क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के निर्धारण के निर्धारित समय सारणी के अनुसार सम्पन्न किया जायेगा। क्षेत्र पंचायतों, जिला पंचायतों के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के पुनः परिसीमन हेतु प्रस्तावों की तैयारी, 01 से 05 नवम्बर 2018, प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की सूची का अनन्तिम प्राकशन 8 नवम्बर 2018, प्रस्तावों पर आपत्तियां आमंत्रित करना 09 से 12 नवम्बर 2018, आपत्तियों का निस्तारण 13 एवं 14 नवम्बर 2018, अंतिम प्रकाशन 15 नवम्बर 2018, क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की सूचियां निदेशालय उपलब्ध करायेा जाने की तिथि 16 नवम्बर निर्धारित है।