पिछले एक पखवाड़े से प्रदेश के ठेकेदारों ने काम बंद कर रखा है। वह अपनी वाजिब मांग को लेकर अपने विभागाध्यक्ष से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं। मगर सरकार है कि वह खनन विभाग के उस तुगलकी फरमान को न तो स्पष्ट कर रहा है और न ही वापस ले रहा है, ऐसे में वह करें तो क्या करें।
चमोली, 18 अगस्त : सरकारी निर्माण कार्यों में रायल्टी एवं जीएसटी की बढ़ाई गई दरों के विरोध में पिंडर घाटी के ठेकेदारों ने आंदोलन तेज करने के लिए एक संघर्ष समिति का गठन किया है। इसके तहत दिनेश रावत को अध्यक्ष एवं किशोर घुनियाल को सचिव चुना गया है। संघर्ष समिति की 20 अगस्त को लोनिवि कार्यालय थराली में बैठक कर आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।
पिछले दिनों सरकार के द्वारा रायल्टी एवं जीएसटी के विरोध में लोनिवि थराली के द्वारा आमंत्रित निविदाओं का बहिष्कार करने के साथ ही लोनिवि कार्यालय में सांकेतिक तालाबंदी की गई थी। इसके बाद देर सायं संघर्ष को तेज करने एवं बढ़ाई गई रायल्टी एवं जीएसटी को वापस लेने के लिए लंबा संघर्ष करने के लिए एक संघर्ष समिति का गठन किया गया। इसके तहत देवी जोशी, राकेश भारद्वाज, महावीर बिष्ट, राकेश जोशी, विनोद रावत व उमेश पुरोहित को संरक्षण मंडल में रखा गया है। जबकि दिनेश रावत को अध्यक्ष, किशोर घुनियाल को सचिव, खीमानंद खंडूड़ी को कोषाध्यक्ष, देवाल से प्रताप राम व खिलाप सिंह दानू, नारायणबगड़ से सुजान सिंह भंडारी व थराली से अनिल देवराड़ी को उपाध्यक्ष एवं कुंदन परिहार, तेजपाल सिंह, गंगा सिंह, जगदीश जोशी, दीपक बिष्ट, दर्शन सिंह व पुष्कर सिंह शाह को सक्रिय सदस्य चुना गया हैं। बैठक में तय किया गया कि मांग को लेकर आंदोलन की रणनीति के लिए 20 अगस्त को दोपहर 11 बजें से लोनिवि कार्यालय परिसर में एक बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें सभी ठेकेदारों को आवश्यक रूप से मौजूद रहने की अपील की गई है।
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5 गुना रायल्टी के फरमान वापसी की मांग को लेकर आन्दोलन हुआ तेज