देहरादून, सिपाही के रूप में फौज के आधारभूत ढांचे को करीब से समझा और अब अधिकारी बनकर सेना को अपने नेतृत्व कौशल से मजबूत बनाएंगे। आर्मी कैडेट कॉलेज (एसीसी) की 112वीं ग्रेजुएशन सेरेमनी में 37 कैडेट्स भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) की मुख्यधारा में शामिल हुए। अब वे अकादमी में एक साल का कड़ा प्रशिक्षण लेकर सेना में अधिकारी के रूप में पदार्पण करेंगे।

     अपनी लग्न और परिश्रम के बूते ये मुकाम हासिल करने वालों में उत्तराखंडी जांबाज भी शामिल हैं। शुक्रवार को आइएमए के डिप्टी कमांडेंट (मेजर जनरल) जेएस नेहरा ग्रेजुएट्स की उपाधि और अवार्ड दिए। 20 कैडेट्स ह्यूमिनिटीज स्ट्रीम और 17 साइंस स्ट्रीम से ग्रेजुएट बने। कॉलेज से पासआउट होने के बाद कैडेट आइएमए में एक साल का प्रशिक्षण लेंगे। डिप्टी कमांडेंट जेएस नेहरा ने सैन्य अफसर बनने की राह पर अग्रसर कैडेट्स को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कैडेट्स को याद दिलाया कि एसीसी ने देश को बड़ी संख्या में ऐसे जांबाज अफसर दिए हैं, जिन्होंने अपनी क्षमता के बलबूते कई पदक जीते। आर्मी कैडेट कॉलेज के प्राचार्य डॉ नवीन कुमार ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ गोल्ड मेडल (सीओएएस) का अवार्ड जितेंद्र चहर, सीओएएस सिल्वर मेडल- संजय सिंह, सीओएएस ब्रांज मेडल हरि प्रसाद को मिला। कमांडेंट्स सिल्वर मेडल सर्विस सब्जेक्ट्स जितेंद्र चहर, ह्यूमिनिटीज स्ट्रीम- संजोक क्षेत्री, साइंस स्ट्रीम- संजय सिंह, कमान्डेंट्स बैनर-कारगिल कंपनी को प्रदान किया गया।