देहरादून, पहाड़ों के बीच बाॅन्डिंग एक अद्वितीय अनुभव नहीं है, क्योंकि पहाड़ भारत के विभिन्न कोनों में स्थित होने के बावजूद उनके बीच अनेक समानताएं हैं। यह बाॅन्डिंग इसलिए भी आसान है क्योंकि पहाड़ी इलाकों में रहने वाले समुदायों को सुविधाओं की अत्यधिक कमी रहती हैं, क्योंकि वो दूरदराज के ऐसे इलाकों में रहते हैं, जहां कनेक्टिविटी के साथ मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता बहुत सीमित है। 

इस परिदृश्य में एनजीओ रचनात्मक एवं कल्पनाशील प्रयासों द्वारा स्थानीय समुदायों को सहयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जिससे न केवल उनकी जिंदगी में सुधार हो, बल्कि वो लम्बे समय तक इसकी सततता का मार्ग प्रशस्त कर सकें। हम जिन क्षेत्रों एवं एनजीओ की बात कर रहे हैं, वो उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की मोरी तहसील में अपर टंस वैली; तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में नीलगिरी की पहाड़ियां और उत्तराखंड में कलप ट्रस्ट हैं। नीलगिरी का विशाल साईक्लिंग टूर का 11 वां संस्करण 9 रिसंबर से 16 दिसंबर, 2018 के बीच पश्चिमी घाट में प्राचीन नीलगिरी बायोस्फेयर रिज़र्व में आयोजित होने वाला है और यह टूर तीन राज्यों- कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु से होकर गुजरेगा। यह टूर अपने चैरिटी राईडर्स द्वारा साईक्लिंग को बढ़ावा देने के अलावा एक महान उद्देश्य के लिए समाज का सहयोग भी करता है। साईक्लिस्ट नीलगिरी बायोस्फेयर रिज़र्व के चारों ओर 950$ किलोमीटर चलेंगे, और यहां के बीहड़ मार्गों से गुजरेंगे। यहां उन्हें विविध तरह के वातावरणों, जैसे मैदानों, काॅफी एवं चाय के बागानों, तीन वन्यजीव अभ्यारण्यों और पहाड़ों का प्राकृतिक सौंदर्य देखने का मौका मिलेगा। इस पूरे टूर में साईक्लिस्ट मैसूर से प्रारंभ करके हसन, कुशलनगर, सुल्तान बाथरी, ऊधगमंडलम (ऊटी), कलपट्टा होते हुए मैसूर वापस आएंगे।