देहरादून, भारतीय औद्योगिक भांग एसोसिएशन (आईआईएचए) को उत्तराखंड सरकार ने देहरादून में राज्य के पहले निवेशक सम्मेलन में आमंत्रित किया था। भांग की खेती का लाइसेंस मिलने से उत्साहित होकर संगठन ने उत्तराखंड में अगले 5 साल में औद्योगिक भांग के क्षेत्र में 1100 करोड़ का निवेश करने की घोषणा की है। इससे राज्य के 90 हजार से ज्यादा लोगांे को रोजगार प्राप्त होने का अनुमान है।
उत्तराखंड राज्य में पहले निवेशक सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के शब्दों मे, यह महत्वाकांक्षी सम्मेलन कनेक्टिविटी, मैनपावर और औद्योगिक विकास के संदर्भ में राज्य के विकास की रफ्तार को बढ़ाने के लिए आयोजित किया गया था। सम्मेलन में आईआईएचए स्टॉल के दौरे के दौरान श्री रावत को भांग से बना वस्त्र भेंट किया गया था। पौड़ी के जिला मैजिस्ट्रेट चंद्रेश कुमार ने क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए आईआईएचए के सफल कार्य की सराहना की। उन्होंने यह तथ्य भी उभारा कि जमीन के छोटे से टुकड़े पर खेती करने वाले किसान किस तरह कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग से लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पलायन पौड़ी में एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है और भांग की खेती इस पलायन के ट्रेंड को उलट सकती है। हरिद्वार के जिला मैजिस्ट्रेट श्री दिलीप रावत ने सम्मेलन में आईआईएचए स्टॉल का दौरा किया और औद्योगिक भांग की खेती में आईआईएचए के योगदान की सराहना की। आईआईएचए ने जमीन के मालिकों में भांग की खेती करने की दिलचस्पी को भांग की खेती के फायदे बताकर जागृत किया। कॉस्मेटिक्स, फूड आइटम्स, स्वास्थ्य और फार्मा, टेक्सटाइटल, पेपर और निर्माण के लिए ब्रिटेन में फैक्ट्रियां खोलने के अवसर तलाश रहे कॉरपोरेट सेक्टर में भी आईआईएचए ने हलचल मचा दी।
आईआईएचए ने औद्योगिक भांग की इंडस्ट्री की विशेषताओं और लाभों को भारतीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के सामने उभारा। औद्योगिक भांग को कई दूसरी इंडस्ट्रीज में भी इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें हेंप फाइबर, हेंप सीड्स, हेंप मेडिसिनल और आयुर्वेदिक प्लांट, हेंप बायो कंपोजिट और कंस्ट्रक्शन मटीरियल, हेंप वेयरहाउस और ट्रीटमेंट प्लान, हेंप इंस्टिट्यूट एंड एजुकेशनल टूरिज्म और हेंप बायो इथेनॉल शामिल है। सम्मेलन में आईआईएच के कार्यों और उपलब्धियों को रेखांकित किया गया। इसमें 2012 से आईआईएचए के गठन से शुरू हुए सफर से लेकर उत्तराखंड सरकार के साथ औद्योगिक भांग की खेती के प्रोजेक्ट के लिए लाइसेंस मिलने तक आईआईचए की उपलब्धियों को सराहा गया।