देहरादून, 10 जुलाई: सयुंक्त मंच द्वारा शहीद स्मारक देहरादून में राज्य आंदोलनकारियों को राज्याधीन सेवाओं में देय की बहाली को लेकर चल रहा धरना 40 वें दिवस और क्रमिक अनशन 30 वें दिवस भी जारी रहा। आज क्रमिक अनशन में द्वाराहाट अल्मोड़ा के वीरेंद्र सिंह बजेठा, दान सिँह राणा और गोपाल सिंह राणा बैठे ।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क में धरने का आयोजन किया गया, जिसमें धरने को संबोधित करते हुए ऋषिकेश से आई श्रीमती विमला बहुगुणा ने कहा आज लोगों को समझने की जरूरत है कि यह धरना किसी के व्यक्तिगत हित के लिए नहीं चलाया जा रहा है यह हमारी आने वाली पीढ़ी के सुनहरे भविष्य के लिए है। इसलिये सभी को इसमें सभी को बढ–चढ कर भाग लेना चाहिए। उन्होंने दो दिन पूर्व धरना समाप्त होने की अफ़वाह फैलाने वालों को खरी खोटी सुनते हुऐ कि इस तरह के लोग सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिए भोली–भाली महिलाओं को झूठी कहानियां सुना कर बहकाने का कार्य कर रहें हैं। इससे किसी का भला नहीं होने वाला। जो भी बात हो वह स्पष्ट तरीके से सबके बीच होनी चाहिए।
जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष हरजिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री धामी की मंशा पर सवाल उठाते हुऐ कहा कि जिन मुद्दों पर आज राज्य आन्दोलनकारी धरने पर हैं कांग्रेस के शासन काल में उन्हीं मुद्दों पर वह तत्कालीन मुख्यमंत्री का घेराव कर उन्हें ज्ञापन सौंप चुके हैं मगर जब आज वह स्वयं मुख्यमंत्री बन चुके हैं तो मुद्दों से भाग रहें हैं, वह चाहते तो है कि यह समाप्त हो जाए मगर उनकी मांगों पर कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दे रहें।
जनगीतकार जयदीप सकलानी (दिप्पू भाई) ने आंदोलनकारी कोटे से सेवारत कर्मचारियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आखिर वह लोग किस बात का इंतजार कर रहें हैं ! क्या जब उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा तब आंदोलन करेंगे।
उनको सम्मान स्वरूप मिली व्यवस्था आज कोर्ट के आदेश के बाद भीख में बदल चुकी है और वह खामोशी से उसे स्वीकार कर रहें हैं। क्या उनका ज़मीर भी खत्म हो चुका है ?
ऋषिकेश से आये विक्रम भंडारी व संयुक्त मंच के सह संयोजक अंबुज शर्मा ने बताया कि इस मसले पर माननीय मुख्यमंत्री से एक दौर की बातचीत हो चुकी है उन्होंने इस मामले में एक समिति गठन करने की बात भी कही है जैसे ही समिति का गठन होगा उसके बाद आन्दोलन की अगली रणनीति पर विचार किया जायेगा, अन्यथा सचिवालय या मुख्यमंत्री आवास कूच भी करना पड़ सकता है जिस पर निर्णय आपसी सहमति के बाद लिया जायेगा।
सभा के अंत में जगमोहन नेगी ने जयदीप सकलानी (दिप्पू भाई) की बात का समर्थन करते हुए कहा कि आंदोलनकारियों के 10% आरक्षण के बाद, महिलाओं के 20% आरक्षण पर भी कुठाराघात हो चुका है, यह प्रदेश जिस मातृ शक्ति के बदौलत बना उन्हीं के सम्मान में मिला 20% आरक्षण जो की केबिनेट से पास हो कर कानून बना था जब मगर सरकारी तनख़ाह ले रहे महाधिवक्ता और उनके करिंदों उसे ही नहीं बचा पा रहे तो बाकि की बात करना तो बेमानी है। उच्च न्यायलय में दायर इस एक्ट के ख़िलाफ़ प्रदेश की किसी भी क्रांतिकारी महिला संगठन ने कोई विरोध आज तक दर्ज नहीं किया। उन्होंने आन्दोलनकारियों को चेताते हुए कहा कि देख लेना अगले कुछ माह में यह सरकार बिजनौर और सहरानपुर का कुछ हिस्सों को भी उत्तराखंड में मिला कर राज्य की मूल अवधारणा को भी समाप्त करने का कार्य कर सकती है उसके बाद की परिस्थति क्या होगी आप खुद समझ सकते हैं
इसके अलावा धरने को राष्ट्रीय उत्तराखण्ड पार्टी के अध्यक्ष नवनीत गुसाईं, रामलाल खंडूरी, द्वारिका बिष्ट आदि ने भी संबोधित किया। धरने का संचालन संयुक्त मंच के संयोजक क्रांति कुकरेती द्वारा किया गया।
आज के धरने में सहभाग करने वालों में सर्वश्री सुरेश नेगी, सुमित राज थापा, पंकज सिंह रावत, सुरेश कुमार ,धर्मेंद्र बिष्ट, लाखन सिंह, रुकम सिंह पोखरियाल, पुष्प लता सिलमाना, प्रेम सिंह नेगी, चंद्र किरण राणा, रेनू नेगी, सुनीता बहुगुणा, संगीता उनियाल, मनीष बहुगुणा, मीरा गुसाईं, वीना बहुगुणा, सरोजिनी थपलियाल, ईशा नेगी, वीना भट्ट, आशा, सरोज रावत, रवि नेगी, सुरेशी रावत, सरोजिनी रावत, सुशीला चंदोला, सुशील विरमानी, शकुंतला देवी असवाल, उपेंद्र प्रसाद सेमवाल, प्रभात डंडरीयाल,संतोष सेमवाल, शैलेंद्र सिंह,पी.एस. नेगी,आशा डंगवाल, सुलोचना मैन्दोलिया, ,शेर सिंह रावत, दिग्विजय कैंतुरा, उमेश कुमार कंडवाल,दिवाकर उनियाल,संगीता रावत, सरोजिनी थपलियाल, लीला कुकरेती, मोहन खत्री,राजेश कैंतुरा, गुरु प्रसाद,अनुराग भट् , रामकिशन, सुदेश सिंह आदि सम्मिलित थे।
भारी वर्षा के बावजूद सयुंक्त मंच का धरना जारी
#10% क्षैतिज आरक्षण