नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी दूसरी बार हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बने हैं। उनका कार्यकाल 11 अक्टूबर से प्रभावी होगा। हाईकोर्ट की वर्तमान मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति रितू बाहरी 10 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रही हैं।
न्यायमूर्ति मनोज तिवारी इससे पूर्व भी हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। तब वे न्यायमूर्ति विपिन सांघी की सेवानिवृत्ति के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश बने थे। वरिष्ठ न्यायमूर्ति तिवारी का जन्म साल 1965 उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हुआ था।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति तिवारी के पिता स्वर्गीय एनबी तिवारी उच्च न्यायलय के वरिष्ठ अधिवक्ता और दादा भी पिथौरागढ़ में वकील रहे है। वरिष्ठ न्यायमूर्ति तिवारी की 10वीं तक की पढ़ाई पिथौरागढ़ के केंद्रीय विद्यालय में ही हुई है। इसके बाद पीजी भी उन्होंने पिथौरागढ़ से किया। एलएलबी करने के लिए वरिष्ठ न्यायमूर्ति तिवारी दिल्ली आ गए थे। दिल्ली से साल 1990 में वरिष्ठ न्यायमूर्ति तिवारी एलएलबी की।  वरिष्ठ न्यायमूर्ति तिवारी ने अपनी वकालत की शुरुआत इलाहाबाद हाईकोर्ट से प्रारंभ की. उत्तराखंड बनने के बाद वो यहां आ गए। साल 2009 में तिवारी वरिष्ठ अधिवक्ता और साल 2017 में उच्च न्यायलय के न्यायधीश बने। 24 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायलय के न्यायधीश नरेंद्र जी को उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश बनाये जाने की संस्तुति केंद्र सरकार को भेजी है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने इसकी संस्तुति नहीं दी। इसीलिए अब वरिष्ठ न्यायधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी उत्तराखंड हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बने हैं।