पूरी दुनिया में भारत महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक और असुरक्षित देश माना गया है. हाल ही में थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन की ओर से जारी किए गए एक सर्वे में महिलाओं के प्रति यौन हिंसा, मानव तस्करी और यौन व्यापार में ढकेले जाने के आधार पर भारत को महिलाओं के लिए खतरनाक बताया गया है. इस सर्वे के अनुसार महिलाओं के मुद्दे पर युद्धग्रस्त अफगानिस्तान और सीरिया क्रमश: दूसरे और तीसरे, सोमालिया चौथे और सउदी अरब पांचवें स्थान पर हैं. इस सर्वे को 26 मार्च से 4 मई के बीच ऑनलाइन, टेलीफ़ोन के माध्यम के साथ लोगों3 से मिलकर बातचीत कर पूरा कराया गया. इसमें यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका, दक्षिण-पूर्व एशिया के पेशेवर, शिक्षाविद, स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारी, गैर सरकारी संगठन के लोग, नीति निर्माता, विकास विशेषज्ञ और सामाजिक टिप्पणीकार शामिल थे.2011 में हुए इस सर्वे में अफगानिस्तान, कॉन्गो, पाकिस्तान, भारत और सोमालिया महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देश माने गए थे.वहीं, इस साल भारत तीन पायदान ऊपर खिसक पहले स्थान पर आ गया है इससे यह साबित होता है कि 2011 में दिल्ली में एक चलती बस में हुए सामूहिक बलात्कार के बाद अभी तक महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त काम नहीं किए गए हैं.साल 2011 में हुए निर्भया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा और उनके ख़िलाफ़ होने वाली हिंसा देश के लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया था. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 2007 से 2016 के बीच महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध में 83 फीसदी का इजाफा हुआ है. साथ ही हर घंटे में 4 रेप के मामले दर्ज किए जाते है.

सर्वे के मुताबिक, भारत मानव तस्करी, यौन हिंसा, सांस्कृतिक व धार्मिक परंपराओं के कारण और महिलाओं को सेक्स धंधों में ढकेलने के लिहाज से अव्वल है. रॉयटर्स के मुताबिक, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस सर्वे के परिणामों पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. सर्वेक्षण में उत्तरदाताओं से पूछा गया कि 193 संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों में से महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक पांच देश कौन से हैं और स्वास्थ्य, आर्थिक संसाधन, सांस्कृतिक और पारंपरिक प्रथाओं, यौन हिंसा, उत्पीड़न, गैर-यौन हिंसा और मानव तस्करी के मामले में कौन सा देश सबसे खराब है. उत्तरदाताओं ने भारत को मानव तस्करी, यौन उत्पीड़न और सेक्स स्लेवरी, घरेलू ग़ुलामी और ज़बरदस्ती विवाह कराने और भ्रूण हत्या कराने के आधार पर भी महिलाओं के लिए सबसे ख़तरनाक देश बताया है.

साभार : द वायर