देहरादून, आजखबर। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव भले ही निबट गए हों, लेकिन प्रदेश कांग्रेस को नई कार्यकारिणी के लिए अभी इंतजार करना होगा। चुनाव नतीजे आने के बाद ही अब नई कमेटी का गठन हो सकेगा। पार्टी हाईकमान और केंद्रीय शीर्ष नेताओं का इस वक्त पूरा फोकस लोकसभा चुनाव के शेष छह चरणों पर है। नई परिस्थितियों में कमेटी को जंबो ही रखने की तैयारी बताई जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस डेढ़ साल से ज्यादा समय से नई कार्यकारिणी का इंतजार कर रही है। लंबे समय बाद लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही पार्टी प्रदेश में ब्लॉक अध्यक्षों और फिर जिला-महानगर अध्यक्षों की घोषणा कर पाई थी। इसके बाद पार्टी हाईकमान की ओर से संकेत दिए गए कि लोकसभा चुनाव से ऐन पहले बीते फरवरी माह में नई कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। नई कार्यकारिणी के चलते गुटीय खींचतान और इसका असर लोकसभा चुनाव में पड़ने के अंदेशे के चलते नई कार्यकारिणी के गठन को टाल दिया गया था। इसका असर ये भी रहा कि प्रदेश संगठन पर हावी दिखने के बजाए पार्टी क्षत्रपों और उनके समर्थकों ने लोकसभा चुनाव में ही ताकत झोंकी। अब लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यानी कि 23 मई के बाद ही उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस को अपनी नई कमेटी मिलने की प्रबल संभावना है। यानी नई कार्यकारिणी के लिए अभी महीनेभर से ज्यादा इंतजार तकरीबन तय है। अलबत्ता, उम्मीद ये ही जताई जा रही है कि कांग्रेस हाईकमान टीम प्रीतम का आकार जंबो ही रखेगा। नई कार्यकारिणी के सदस्यों की संख्या सवा सौ के इर्द-गिर्द रह सकती है। माना जा रहा है कि प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर पूर्व मंत्रियों व विधायकों के साथ ही विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों को जगह मिल सकती है। वहीं महामंत्री पद पर पुराने वरिष्ठ नेताओं के साथ नए युवा चेहरों पर भी पार्टी भरोसा जताएगी।