राज्य के बने इन 19 वर्षो में भाजपा और काँग्रेस ने राज्य के संसाधनों की बारी बारी से लूट की है। देवभूमि उत्तराखण्ड को कलंकित तक किया है,राज्य में इन दोनों दलों की जनविरोधी नीतियां,भ्रष्ट्राचार को बढ़ावा दिया है।राज्य की मूल धारणा,शहीदों के बलिदान,मातृ शक्ति के त्याग का अपमान किया है।सबसे पहले तो भारतीय जनता पार्टी ने राज्य पुनर्गठन में उत्तराखंड से उत्तरांचल करके सबसे बड़ा खिलवाड़ देवभूमि के साथ किया। राज्य में डबल इंजन की सरकार बनी,विश्वास था राज्य का भला होगा लेकिन भारतीय जनता पार्टी तो राज्य के अस्तित्व को ही खत्म करने जा रही है एक गुप्त एजेंडा पर राष्ट्रीय स्वम् सेवक जैसी संस्था उत्तराखण्ड के स्वरूप को बदलना चाहती है।मुख्यमंत्री बनते ही श्री त्रिवेंद्र का साफ कहना था कि सहारनपुर को उत्तराखण्ड में मिला देना चाहिये जो उन्होंने फरवरी 2018 में कही अब उत्तर प्रदेश को दो भागों में विभाजित किया जा रहा है लेकिन साथ ही *बिजनौर,सहारनपुर और पीलीभीत* को उत्तराखण्ड में मिलाने की साजिश भाजपा कर रही है।भाजपा के इस गुप्त एजेंडे का उत्तराखंड क्रान्ति दल पुरजोर विरोध करता है।साथ ही राज्य सरकार और भाजपा को चेतावनी दी जाती है कि *हमारे राज्य की सीमाओं से उत्तर प्रदेश की एक इंच जमीन जोड़ा गया तो आर पार की लड़ाई होगी राज्य के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ कहीं फिजा न बिगाड़ दे ये चेतावनी भाजपा व उनकी ट्रिपल इंजन सरकार को उत्तराखण्ड क्रान्ति दल द्वारा आगाह की जाती है*
दल द्वारा पूर्व में भी नये मोटर अधिनियम का पुरजोर विरोध महामहिम राज्यपाल महोदया को दर्ज करवाया क्योकि नया मोटर एक्ट व्यवहारिक नही है।जुर्माने को कई गुना बढाकर जनता को लूटने का अधिनियम बना है।जिससे आम जनता परेसान है।नियम बने उनका पालन भी हो लेकिन उसके लिए सरकार को एक जागरूप अभियान चालाए।जिसे मीडिया व सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से चलाया जा सकता है।तब कड़े नियम लागू हो जो व्यवहारिक हो।
न कि जुर्माने को दस गुना बढ़ाकर लूट की जा रही है।दल का साफ मानना है कि नए मोटर अधिनियम को राज्य में लागू न किया जाय।
*पूरा रोम जल रहा था-और नीरो बंसी बजा रहा था*
ये चरितार्थ उत्तराखण्ड में हो रहा है या*डेंगू*जो महामारी का रूप लेकर जीवनलीलायें समाप्त कर रहा है, लेकिन उत्तराखण्ड की त्रिवेंद्र सरकार के पास कोई कारगर उपाय नही।डेंगू के रोकथाम के लिए जो कार्ययोजना बनानी चाहिए थी उसमें ये सरकार फेल हुई है।फॉगिंग(धुंआ करना) में केवल नगर निकायों में दवाई की जगह डीजल डाला जा रहा है उससे मच्छर नही मर सकते मच्छरों का लार्वा खत्म नही हो सकता है,इसलिए दल का साफ मानना है कि इसमें भी कोई घोटाला सरकार और नगर निगम,पालिका और नगर पंचायतों में होती आ रही है।ब्लीचिंग का छिड़काव निकायों द्वारा किया जाता है लेकिन उसमें ब्लीचिंग की मात्रा नही रहती आधा चूना मिला होता है।यहां भी घोटाला है।डेंगू पर सरकार फेल हुई है जो जीवनलीलायें समाप्त हुई है वह सरकार की जिम्मेदारी है।त्रिवेंद्र सरकार चेत जाय।
*जिला विकास प्राधिकरण*
राज्य के ग्रामीण आंचलों के लिए विनाशकारी है।उत्तराखण्ड क्रान्ति दल इस प्राधिकरण का घोर विरोध करता है।पर्वतीय भूभागों के लिए जिला विकास प्राधिकरण व्यवहारिक और न्यायोचित नही है।सरकार जिला प्राधिकरण को अभिलम्ब समाप्त करे अन्यथा पहाड़ की जनता इन्हें ही समाप्त कर देगी।दल जिला विकास प्राधिकरण को लेकर जल्द ब्लॉक लेवल से आंदोलन की तैयारी करेगा।
अतिक्रमण को लेकर उत्तराखण्ड क्रान्ति दल माननीय न्यायालय के निर्णय का सम्मान करता है लेकिन अतिक्रमण कराने के लिए जिम्मेदार विभागों पर भी कार्यवाही हो।एम०डी०डी०ए०,नगर निगम और सार्वजनिक निर्माण विभाग क्या ये विभाग अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार नही।क्या जिला प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार नही।इन विभागों पर भी कार्यवाही हो।अतिक्रमण में समानता होनी चाहिए।गरीबो को नाजायज परेसान न किया जाय पहुंच रखने वेस्ले व्यक्ति या सत्तारूढ़ दल के नेताओं पर भी कार्यवाही हो।एक समानता के साथ कार्यवाही हो।
उत्तराखंड क्रान्ति दल लगातार राज्य के ज्वलन्त मुद्दों,व्याप्त भ्रष्टाचार,
सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ हमेशा उग्र रहा।लेकिन त्रिवेंद्र की सरकार जिस तरह से राज्य को बर्बाद करने में तुले है जनता माफ नही करेगी।दल जनता की आवाज बनकर काम करेगा।धरने में लताफत हुसैन,सुनील ध्यानी,शैलेश गुलेरी,श्रीमति गीता बिष्ट,जाहिद खान,मंसूर अली,बहादुर सिंह रावत,भगवती डोभाल,राशिद अहमद,समीर मुखर्जी,इमरान अहमद,अशोक नेगी,सागर,फुरकान अहमद,मंनोज ममगाईं,धर्मेंद्र कठैत आदि थे।