‘यह गाँव बिकाऊ है’- किसानों की बदहाली की दास्तां
किसान की फसल जब तबाह हो जाती है तब सियासत की फसल लहलहा उठती है। ‘भारत एक कृषि-प्रधान देश है’ जब यह पंक्ति हमारे नीति-निर्माता, योजनाकार जब मौके-मौके पर कहते हैं तो उनके मुँह से यह सुनकर न तो हँसी आती है और न ही गुस्सा, बल्कि यह सोचना पड़ता है कि हमारे ये नीति-नियामक … Continue reading ‘यह गाँव बिकाऊ है’- किसानों की बदहाली की दास्तां
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