“जै श्रीराम”में बदलते गाँधी के हे! राम
जै श्रीराम : अभिवादन को युद्धघोष बनाने के पीछे क्या है? पिछले पखवाड़े न दशहरा था, न रामनवमी ; मगर पूरी हिंदी पट्टी में जै श्रीराम के ललकारों की बहार-सी आयी पड़ी थी। कानपुर से इंदौर तक, उज्जैन से देवास होते हुए दूर पहाड़ों से लेकर बिहार के गंगा मैदान तक जित देखो तित राम … Continue reading “जै श्रीराम”में बदलते गाँधी के हे! राम
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed